लखनऊ, अभिव्यक्ति न्यूज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक समाचार पत्र समूह की ओर से आयोजित दिव्य महाकुम्भ-2025 कार्यक्रम में शिरकत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Sambhal में मिले प्राचीन मंदिर के मुद्दे पर भी बड़ी बेबाकी से राय रखी। कहा कि संभल में इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन मूर्ति व ज्योतिर्लिंग रातों रात तो नहीं आई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन कांग्रेस की सत्ता-शासन से लेकर वर्तमान परिपेक्ष्य में चुप्पी साधने वाले विरोधी दल के नेताओं पर भी आक्रोश जताया। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने Sambhal के अंदर नरसंहार किया, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली।
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जो भी सच बोलेगा, उसका मुंह बंद कराने का प्रयास होगा : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक कार्यक्रम में Sambhal में प्राचीन मंदिर मिलने को लेकर खासे आक्रोशित नजर आए। कहा कि कल संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी और मुद्दा Sambhal का उठ रहा था। इन्हीं (कांग्रेस) के समय में 46 वर्ष पहले संभल में जिस मंदिर को बंद कर दिया गया, वह मंदिर फिर से सबके सामने आ गया और इनकी वास्तविकता भी। संभल में इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन मूर्ति और ज्योतिर्लिंग रातों रात तो नहीं आई। उन्होंने कहा कि 46 साल पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली। Sambhal में जिनकी निर्मम हत्या हुई, उन निर्दोषों का क्या कसूर था। जो भी सच बोलेगा, उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा।
अयोध्या और काशी की भव्यता पर कांग्रेस मना रही शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में तेजी से चल रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि आम जनता और श्रद्धालु खुश हैं, लेकिन देश के संविधान का गला घोटकर चोरी से सेक्युलर शब्द जोड़ने वाले लोग अपने घर में शोक मना रहे हैं। उन्हें काशी विश्वनाथ और अयोध्या के राम मंदिर की भव्यता से परेशानी है। यह लोग कुंभ के बारे में भी दुष्प्रचार का कुत्सित प्रयास करेंगे।
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Sambhal में 1978 के दंगे के बाद से बंद था मंदिर
Sambhal में यूं तो 1947 से 2019 कर 15 दंगे हो चुके हैं। हाल में मस्जिद में सर्वे को लेकर पुलिस-प्रशासन पर हमले की घटना और पांच लोगों की मौत के बाद बिजली चोरी के खिलाफ अभियान के दौरान शनिवार को प्रशासन को एक मंदिर मिला। बताते हैं कि 29 मार्च 1978 को हुए दंगे के बाद से ही इस प्राचीन मंदिर में पूजा-पाठ बंद हो गया था। कई हिंदू घरों में आग लगा दी गई। दंगे में 10-12 हिंदुओं को जान गंवानी पड़ी और दो माह तक जिले में कर्फ्यू लगा रहा। डर के चलते हिंदू परिवारों ने यहां से पलायन कर हिंदू बाहुल्य इलाके में बस गए। बवाल में 169 केस दर्ज हुए, लेकिन सजा आज तक किसी को भी नहीं मिली है।
भू माफिया के रूप में चिन्हित कर कार्रवाई होगी: डीएम
जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया कहते हैं कि मंदिर के बराबर एक कुआं को अकील अहमद ने पाट दिया और कब्जा कर मकान में मिला लिया। कई हिंदुओं की आबादी पर कब्जे सामने आ रहे हैं। जांच में दोषियों को भू माफिया के रूप में चिन्हित कर कार्रवाई होगी। साथ ही मंदिर को पुनः पुराने स्वरूप में लौटाने के साथ पास स्थित कुआं को भी साफ कराकर उसका सुंदरीकरण कराया जाएगा।
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Sambhal में बंद मिले मंदिर में होगी नियमित पूजा
Sambhal के खग्गू दीपा सराय में स्थित 46 साल से बंद पड़े मंदिर में रविवार भोर होते ही आचार्य वैभव शुक्ला और श्रद्धालुओं ने पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके साथ ही मंदिर में मंत्रों का उच्चारण और आरती भी हुई। आचार्य ने बताया कि भक्तों द्वारा महादेव और हनुमान जी की जय-जयकार की गई। जब तक इस मंदिर में पुजारी नियुक्त नहीं होता तब तक वह यहां रहकर पूजा-पाठ संपन्न कराएंगे। यह मंदिर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क के आवास से लगभग 200 मीटर दूर स्थित है।
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