प्रयागराज, अभिव्यक्ति न्यूज। Prayagraj Kumbh की सफलता के लिए यजमान बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रयागराज में त्रिवेणी और अक्षय वट की पूजा-अर्चना कर सभी तीर्थों का आह्वान करते हुए जनकल्याण का वरदान मांगा। बाद में Prayagraj Kumbh के लिए 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि Prayagraj Kumbh एकता का महायज्ञ है। यहां पर हर तरह के भेदभाव की आहुति दी जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया संगम की भूमि को प्रणाम

प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन शुरू करने से पहले संगम की भूमि को प्रणाम किया। कहा कि गांवों, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। सामूहिकता की ऐसी शक्ति, ऐसा समागम शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। यहां आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान और सामान्य जन सब एक हो जाते हैं, सब एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है और सम्प्रदायों का टकराव मिट जाता है। करोड़ों लोग एक ध्येय और एक विचार से जुड़ जाते हैं। कुंभ जैसे भव्य और दिव्य आयोजन को सफल बनाने में स्वच्छता की बहुत बड़ी भूमिका है।

अक्षय वट पर की भारत के अक्षय पुण्य की कामना

अक्षय वट को तीर्थराज प्रयागराज के रक्षक श्रीहरि विष्णु के वेणी माधव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। उल्लेखनीय है कि अक्षय वट को कॉरीडोर रूप में महाकुम्भ-2025 के पूर्व सुव्यवस्थित करने का कार्य पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन में किया गया है। ऐसे में, शुक्रवार को पीएम मोदी ने अक्षय वट का पूजन-अर्चन करने के साथ ही भारत के अक्षय पुण्य की वृद्धि और विश्वगुरू के तौर पर उद्भव को अक्षुण्ण बनाने की कामना की।

प्रभु श्रीराम, माता जानकी व लक्ष्मण सहित ब्रह्मा, विष्णु महेश का होता है पूजन-अर्चन

अक्षय वट को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी जड़ों में सृष्टि निर्माता ब्रह्मा, मध्य भाग में वेणी माधव स्वरूप श्रीहरि विष्णु तथा अग्र भाग में महादेव शिव-शंकर का वास है। इनकी पूजा के साथ ही समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष के अंश के रूप में भी अक्षय वट की मान्यता है। पुराणों में प्राप्त उल्लेख के अनुसार, सर्व सिद्धि प्रदान करने वाली आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध अक्षय वट ने मुगल काल व अंग्रेजों के शासन में पराभव का दंश झेला, मगर इसके बावजूद वह अक्षुण्ण बना रहा और आज सनातन धर्म के ध्वजवाहक के तौर पर सकल विश्व में अपनी पहचान को पुख्ता कर रहा है। अक्षय वट के बारे में यह भी प्रसिद्ध है कि प्रभु श्रीराम लंका विजय के उपरांत अयोध्या लौटने से पूर्व पुष्पक विमान से आते हुए अक्षय वट के दर्शन किए थे। उनके साथ माता सीता और भ्राता लक्ष्मण भी थे और अक्षय वट पर इन तीनों के ही विग्रह का पूजन होता है। पीएम मोदी के साथ ही अक्षय वट पूजन-अर्चन प्रक्रिया में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित रहीं।

Prayagraj Kumbh में स्थापित होंगे नए प्रतिमान : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन के महापर्व Prayagraj Kumbh में नए प्रतिमान स्थापित होंगे। ठीक एक महीने बाद विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक, धार्मिक व आध्यात्मिक आयोजन और मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है। यह संपूर्ण सनातन धर्मावलंबियों, देश और दुनिया के अंदर भारत के प्रति अनुराग रखने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्व रखता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विजन की प्रशंसा करते हुए उनके नेतृत्व में किए गए प्रयास और सनातन धर्मावलंबियों के हितों की रक्षा के साथ ही कुंभ को लेकर स्थापित किए गए उच्च प्रतिमानों की पूर्ति को लेकर आभार जताया।

संगम में रत्न जड़ित अष्ट धातु से बने कुंभ कलश का कुंभाभिषेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिवेणी संगम में पूजा-अर्चना करके 13 जनवरी से शुरू हो रहे Prayagraj Kumbh के सफल आयोजन के लिए रत्न जड़ित अष्ट धातु से बने कुंभ कलश का कुंभाभिषेक किया। पूजन कराने आए तीर्थ पुरोहित दीपू तिवारी ने बताया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मोतियों से सजे अष्ठधातु से निर्मित इस कुम्भ कलश को अमृत रूपी कलश बनाने के लिए इसमें आम का पत्ता और नारियल भी रखा है। इसके साथ ही इसमें गऊशाला, तीर्थस्थलों की मिट्टी, गंगाजल, पंचरत्न, दूब घास, सुपारी, हल्दी रखी भी रखी गई।

संतों ने दिया आशीर्वाद, बोले- Prayagraj Kumbh दिव्य और भव्य होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेणी पूजन से पहले साधु संतो से भी मुलाकात की। सभी 13 अखाड़ों से दो-दो प्रतिनिधि संगम नोज में आमंत्रित किए गए। इसके अलावा दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा और खाक चौक व्यवस्था समिति से भी दो-दो संत शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी ने सभी संतो का परिचय कराया। श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी ने बताया कि त्रिवेणी पूजन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी अखाड़े के साधु-संतों से मुलाकात की। कुशल क्षेम पूछने के बाद राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रार्थना की। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के सचिव आचार्य देवेंद्र सिंह शास्त्री का कहना है कि मोदी ने संतों से कहा कि सभी लोग आशीर्वाद दीजिए कि मेला दिव्य और भव्य हो। संतो ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

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