रामपुर, अभिव्यक्ति न्यूज। BSP के पूर्व दर्जा मंत्री और चार बार रामपुर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर को अपने बेटे अंकुर सागर का विवाह समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी कुसुम दत्त से करना भारी पड़ गया। BSP सुप्रीमो मायावती को जब इसकी जानकारी हुई तो पहले उन्होंने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों को शादी समारोह में शामिल होने से रोका, लेकिन कई लोग इसके बावजूद रामपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष के बेटे और बहू को आशीर्वाद देने पहुंच गए। इस पर मायावती ने सीधे पार्टी से निष्कासित किए जाने का फरमान जारी कर दिया। पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने से पहले उनसे कोई स्पष्टीकरण भी नहीं तलब किया गया।
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आंबेडकर नगर में 27 नवंबर को थी शादी, पहुंचे थे अखिलेश यादव
BSP के पूर्व दर्जा मंत्री सुरेंद्र सागर के बेटे अंकुर की शादी 27 नवंबर को सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से हुई थी। बारात आंबेडकर नगर गई थी। इसमें बसपा के तमाम पदाधिकारी शामिल थे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी वर और वधू को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे थे। सपा विधायक की बेटी से पूर्व दर्जा मंत्री के बेटे की शादी की खबर पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने BSP की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तक पहुंचा दी। लखनऊ में 2 दिसंबर को हुई BSP के पदाधिकारियों की बैठक में पूर्व दर्जा मंत्री को पार्टी से निष्कासित करने की स्क्रिप्ट तैयार हुई।
BSP मुखिया मायावती के रोकने के बाद भी रिशेप्शन में पहुंचे थे कई पदाधिकारी
BSP के पूर्व दर्जा मंत्री सुरेंद्र सागर को पार्टी से निष्कासित करने की स्क्रिप्ट दो दिसंबर को लखनऊ में लिखी गई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती के कुछ सलाहकारों ने पूर्व दर्जा मंत्री द्वारा अपने बेटे अंकुर सागर की शादी आंबेडकर नगर के आल्हापुर सीट से सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी कुसुम दत्त से कराने की जानकारी दी। इस पर बसपा प्रमुख नाराज हो गईं। पूर्व दर्जा मंत्री सुरेंद्र सागर की मानें तो बहनजी ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को तीन दिसंबर को होने वाले रिसेप्शन में जाने से भी मना कर दिया था। मगर इसके बावजूद पार्टी पदाधिकारी रिसेप्शन में आए थे।
रामपुर के जिलाध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने दिए इस्तीफे
रामपुर के BSP के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर के पार्टी से निष्कासन की जानकारी होने पर स्थानीय नेताओं में आक्रोश फैल गया और पदाधिकारियों के इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया। पूर्व दर्जा मंत्री ने बताया कि दो दिसंबर को हुई बैठक में बहनजी ने पार्टी पदाधिकारियों से 3 दिसंबर को उनके बेटे के रिसेप्शन में जाने से मना किया था। इसके बावजूद कई पदाधिकारी रिसेप्शन में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री इस समय सपा से खफा हैं। इसके बाद पार्टी से इस्तीफे देने वालों का सिलसिला जारी है। रामपुर की BSP की जिला इकाई से शुक्रवार को भी कई लोगों ने अपने इस्तीफे दे दिए। इनमें सुनील सागर, रामभजन, राजेंद्र लोधी, हरिशंकर सागर और अवतार सिंह शामिल हैं।
बहुजन समाज की राजनीति में 1995 से हैं सुरेंद्र सागर
पूर्व दर्जा मंत्री और रामपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर ने बताया कि उन्होंने 1995 से बहुजन समाज की सक्रिय रूप से राजनीति शुरू की थी। जिला, मंडल और जोन स्तर पर पार्टी का ऐसा कोई ऐसा पद नहीं बचा है जिस पर रहकर उन्होंने पार्टी के लिए कार्य नहीं किया है। वह वर्ष 2009 और वर्ष 2022 में दो बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। बसपा सरकार में रहकर दर्जा मंत्री का पद भी संभाला है। इसके साथ ही चार बार जिलाध्यक्ष रहे हैं। मंडल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी लगातार निभाई है और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए संघर्ष किया है।
बहुजन समाज के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे : सुरेंद्र सागर
समाजवादी पार्टी के विधायक की बेटी से अपने बेटे की शादी करने का खामियाजा भुगतने के बारे में पूछने पर पूर्व दर्जा राज्य मंत्री सुरेंद्र सागर कहते हैं कि इसमें खामियाजा भुगतने जैसी कोई बात नहीं है। वह बहुजन समाज के लिए और उससे जुड़ी विचारधारा के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे। सुरेंद्र सागर आगे कहते हैं कि पार्टी कोई भी हो हाई कमान का फैसला सर्वोपरि होता है। पार्टी मुखिया के फैसले में कई बार गलती भी हो जाती है। बसपा प्रमुख के उनके बारे में लिए गए फैसले की आलोचना पूरे प्रदेश और जिले में हो रही है। पार्टी से जुड़े अधिकतर लोग बहनजी के इस निर्णय की आलोचना कर रहे हैं।
प्रमुख मायावती ने एक्स पर दी सफाई
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BSP मुखिया मायावती पार्टी के नेता और पूर्व एमपी मुनकाद अली के बेटी के समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने के फलस्वरूप BSP के नेताओं को मुनकाद अली के परिवार की शादी समारोह में शामिल होने से BSP काडर को रोकने के निर्देश दिये थे। दूसरे मामले में बसपा मुखिया मायावती ने सपा विधायक की बेटी से रामपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर ने अपने बेटे की शादी करने से भी नाराज हुईं। मामले के तूल पकड़ने से असहज हुईं BSP मुखिया ने एक्स पर सफाई दी है। रामपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेद्र सागर के मामले में बसपा प्रमुख ने कहा कि वहां पर पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर और निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार के बीच झगड़ा चरम पर था, जिससे पार्टी के कार्य सफर कर रहे थे। इस पर दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
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