Lucknow, Abhivyakti News। UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य को देश का अगला वैश्विक सेवा केंद्र बनाने का रास्ता प्रशस्त करने के साथ आठ लाख कर्मचारियों और करीब चार लाख शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति, निजी बसों के लिए शहरों में बस अड्डे बनाने, शहरों में पार्किंग का निजीकरण, 1500 मेगा वाट बिजली की खरीद किए जाने समेत 11 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। खासकर सेवा केंद्र नीति से आईटी, एनालिटिक्स, एचआर, कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में दो लाख से ज्यादा नौकरियां सृजित होंगी।

UP मंत्रिमंडल ने दी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति को मंजूरी
लोक भवन में UP मंत्रिमंडल के लिए गए निर्णयों की जानकारी संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मीडिया से साझा की। उनके अनुसार राज्य सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति का मकसद यूपी को भारत का अगला वैश्विक सेवा केंद्र बनाना है और प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाना है। नई नीति के तहत UP में आईटी, बैंकिंग, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और अगली पीढ़ी की तकनीकों में काम करने वाली वैश्विक कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। इससे न केवल रोजगार के लाखों अवसर खुलेंगे, बल्कि प्रदेश के टियर-2 शहरों में भी आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।

मल्टीनेशनल कंपनियां भी बना रहीं ऑफशोर डेवलपमेंट सेंटर्स
प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि कम पैसे में बेहतर क्वालिटी का काम लेने के लिए कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने ऑफशोर डेवलपमेंट सेंटर्स यहीं पर स्थापित कर रही हैं। इसे ही ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर कहते हैं। इसमें पहले नंबर पर सॉफ्टवेयर और आईटी आता है, जिसमें मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक प्रॉसेस ऑटोमेशन, एआई संचालित डेवलपमेंट, साइबर सुरक्षा, इंजीनियरिंग डेवलपमेंट आते हैं। उन्होंने बताया कि, बैंक्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर में भी बहुत सारे काम आउटसोर्स करने के लिए मल्टीनेशनल कंपनियां भारत आ रही हैं। इसी तरह, ऑटोमोटिव सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण सेक्टर की भी बहुत सारी कंपनियां यहां आई हैं। एनसीआर और नोएडा के साथ ही वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों में भी इन सेंटर्स को लाने का प्रयास है।

कई सेक्टर्स में खुलेंगी नई नौकरियों की राह
UP मंत्रिमंडल की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति के लागू होने से आईटी, एनालिटिक्स, एचआर, कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में 2 लाख से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण नौकरियां सृजित होंगी। जीसीसी नीति महिलाओं, एससी-एसटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों के लिए रोजगार में विशेष प्रोत्साहन देती है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स को आइडिएशन, पेटेंट और रिसर्च के लिए भी भरपूर मदद दी जाएगी।
मिलेगा सबसे आकर्षक प्रोत्साहन पैकेज
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति के तहत इसमें निवेशकों को संचालन से लेकर कौशल विकास तक हर स्तर पर व्यापक सहायता मिलेगी। बिजली, बैंडविड्थ और डेटा सर्विस पर 20 प्रतिशत सब्सिडी, 80 करोड़ रु. तक की सहायता प्राप्त होगी। वहीं, पेरोल सब्सिडी के तहत यूपी निवासी कर्मचारियों के वेतन पर 1.8 लाख रु. तक प्रतिवर्ष की प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा। फ्रेशर और इंटर्न सब्सिडी के तहत नए ग्रेजुएट्स को भर्ती करने पर 20,000 रु. और इंटर्नशिप पर 5000 रु. प्रति माह तक की सहायता प्राप्त होगी। वहीं, भूमि व स्टांप ड्यूटी में छूट, पूंजी और ब्याज पर सब्सिडी, साथ ही एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति भी इसमें शामिल है।
इन अहम फैसलों पर भी लगी मुहर
- UP सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी
- UP नगर निगम पार्किंग स्थल निर्माण, अनुरक्षण और प्रचालन नियमावली 2025 पारित
- नैफेड के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त बजट
- वेतन समिति 2016 की सिफारिशों पर मुख्य सचिव समिति की संस्तुतियों को मंजूरी
- UP समाज कल्याण पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2025 के तहत पर्यवेक्षक के पदों पर चयन और नियुक्ति होगी।
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