अयोध्या, Abhivyakti News। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक Ayodhya में राम मंदिर का निर्माण कार्य अक्तूबर तक पूरा करने की तैयारी तेज कर दी गई है। राम मंदिर के बचे और अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। राम मंदिर परिसर में बने विभिन्न देवी-देवताओं और ऋषि मुनियों के देवालयों में उनकी प्रतिमाओं को जून माह में स्थापित करके प्राण-प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। यह जानकारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी।

जयपुर से 15 अप्रैल से मूर्तियों को लाने क्रम होगा शुरू
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और परकोटा में छह मंदिरों की स्थापना होगी। इनमें सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, गणपति और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं। इसके अलावा, शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। सप्त मंडप में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषाद राज, शबरी और अहिल्या की मूर्तियां स्थापित होंगी। ये सभी प्रतिमाएं सफेद मकराना मार्बल से तैयार की गई हैं। मूर्तियों के श्रृंगार, वस्त्र और आभूषणों की तैयारी भी जोरों पर है। जयपुर से 15 अप्रैल के बाद इन मूर्तियों को अयोध्या लाने का कार्य शुरू होगा।
अक्षय तृतीया पर प्रथम मंजिल के गर्भगृह में स्थापित होगा राम दरबार
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार जयपुर से जैसे-जैसे मूर्तियां पहुंचेंगी, उन्हें निर्धारित स्थानों पर स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा। लार्सन एंड टुब्रो कुल 18 प्रतिमाओं की स्थापना करेगा। इसके साथ ही 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर राम मंदिर की पहली मंजिल पर बने गर्भ गृह में राम दरबार को स्थापित कर दिया जाएगा। जून में ट्रस्ट के सभी सदस्यों की उपस्थिति में तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा। इसमें जलवास, अन्नवास, औषधिवास और शैयावास जैसे अनुष्ठान शामिल होंगे। कहा कि तुलसीदास जी की मूर्ति पहले ही स्थापित की जा चुकी है। यात्री सुविधा केंद्र के मंडप में श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकेंगे।
रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य, माधवाचार्य और शंकराचार्य की परंपरानुसार बनेंगे चार द्वार
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में चार मुख्य द्वार बन रहे हैं। उत्तरी दिशा के द्वार का काम लगभग तीन चौथाई पूरा हो गया है। गेट नंबर 11 का निर्माण किया जा रहा है। गेट नंबर 3 के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा और राम जन्मभूमि का मुख्य प्रवेश द्वार भी इनमें शामिल है। इन द्वारों के नाम रामानुज, शंकराचार्य, माधवाचार्य और रामानंदाचार्य की परंपराओं के आधार पर रखे जाएंगे, जो भारत की आध्यात्मिक एकता को दर्शाएंगे। कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि यह मंदिर संपूर्ण भारत के लिए एकता और श्रद्धा का प्रतीक बने।
इसे भी पढ़ें : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का निर्देश, विभाग आवंटित बजट का 80 प्रतिशत दिसंबर तक खर्च करें