खटीमा, Abhivyakti News। Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को खटीमा स्थित तराई बीज विकास निगम के मैदान में सेवा संकल्प धारिणी फाउंडेशन की ओर से आयोजित अपने पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी की पांचवीं पुण्यतिथि पर आयोजित गौरव सैनिक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक वीरांगनाओं एवं उनकी पुत्रियों को ड्रोन दीदी के रूप में रोजगार परक ड्रोन का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। 60 वर्ष से अधिक बुजुर्ग एवं पूर्व सैनिक और उनकी पत्नियों तथा पूर्व सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर नारियों को निशुल्क बद्रीनाथ धाम की यात्रा कराई जाएगी। इसके साथ ही परमवीर चक्र विजेताओं को Uttarakhand सरकार एक करोड़ 50 लाख रुपये की सम्मान राशि देगी। इस दौरान Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो मुस्लिम मोहल्लों के नाम भी बदलने का ऐलान किया। खटीमा के मोहम्मदपुर भुड़िया का नाम शहीद राणा वीरेंद्र नगर किया जाएगा, जबकि नानकमत्ता स्थित मोहम्मद गंज का नाम गुरु गोविंद सिंह नगर के नाम किया जाएगा।

पांच साल पहले मेरे जीवन का सबसे कष्टप्रद रहा आज का दिन
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी को याद करते हुए कहा कि पांच वर्ष पूर्व आज का दिन मेरे जीवन का सबसे कष्टप्रद और दुःखद दिन रहा, जब मैंने अपने प्रेरणास्रोत पूज्य पिताजी को खो दिया। मैं, जब भी पूज्य पिताजी को याद करता हूं, तो आंखें नम हो जाती हैं, लेकिन गर्व भी होता है कि उन्होंने जीवन के जिन मूल्यों की मुझे शिक्षा दी, उन्हीं मूल्यों के सहारे आज जनसेवा की राह पर चल पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी के विचार, उनके सिद्धांत और उनका संघर्षमय जीवन आज भी हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन करता है। पूज्य पिताजी ने अपना संपूर्ण जीवन बड़ी ही सादगी के साथ जिया, परंतु अपने दृढ़ व्यक्तित्व और सेवा भावना द्वारा हमेशा समाज के लिए कार्य किया।

कर्तव्यों का इमानदारी से निर्वहन करना भी देश सेवा
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके पिताजी ने सेना से रिटायरमेंट के बाद क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार प्रचार के लिए एक प्राइमरी स्कूल की स्थापना की, जहां गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती थी। वे हमेशा कहते थे बेटा, देश सेवा केवल वर्दी पहनकर ही नहीं होती, बल्कि प्रत्येक क्षण अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना भी एक प्रकार की देश सेवा ही है। उन्होंने कहा कि पिताजी के इन्हीं शब्दों ने मुझे राजनीति में कदम रखने से पहले ही ये बात सिखा दी थी कि राजनीति कोई बड़ा पद पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जनभावनाओं को समझकर उनके दुःख-दर्द में सहभागी बनने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए स्वयं को पूरी तरह से समर्पित कर देने का नाम है।

वीर सैनिकों को आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में जुटा हूं
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज वह सेना में तो नहीं हैं, लेकिन वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते, आज मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर अत्यंत हर्ष का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना को प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप आज भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि विभिन्न देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करने में भी नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए कई योजनाएं कर रहे संचालित
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जहां एक ओर शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया है। वहीं, सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में भी अभूतपूर्व वृद्धि की है। इसके साथ ही, हमनें बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया है और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है। यही नहीं, हम प्रदेश में बलिदानियों के आश्रितों को नौकरी पूर्व प्रशिक्षण तथा पुत्री विवाह अनुदान जैसी योजनाएं भी संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए सरकारी बसों में यात्रा की निःशुल्क व्यवस्था करने के साथ-साथ सेवारत और पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपये मूल्य की स्थायी सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है।
देहरादून में बन रहा भव्य सैन्य धाम
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन सभी कार्यों के अतिरिक्त, हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के शहीदों की स्मृति में देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है, जो उत्तराखंड के हमारे वीर सैनिकों की बहादुरी और बलिदान की जीवंत गाथा के रूप में स्थापित होगा। हमारी सरकार द्वारा खटीमा में सैनिक मिलन केंद्र के निर्माण के साथ ही सीएसडी कैंटीन का निर्माण भी कराया जा रहा है। साथ ही, टनकपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त भव्य सैनिक विश्राम गृह का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर सभी को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं बलिदानियों के आश्रितों के हितों के लिए इसी प्रकार निरंतर कार्य करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने वीर नारियों और वीरांगनाओं को सम्मानित किया
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में उपस्थित वीर नारियों औरपर वीरांगनाओं को सम्मानित किया। इसके उपरांत उन्होंने चम्पावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर के वीर शहीदों के चित्र पर पुष्ट अर्पित कर उन्हें नमन किया| उन्होंने अपने पूज्य पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। इस दौरान केबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, सांसद अजय भट्ट, लेफ्टि0 जनरल संदीप जैन, पूर्व परिवहन मंत्री उत्तर प्रदेश अशोक कटारिया ने भी अपने विचार रखे तथा उपस्थित जनता को सम्बोधित किया। इस अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री विनय रुहेला, डॉ. अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, मेयर रुद्रपुर विकास शर्मा, काशीपुर दीपक बाली, हल्द्वानी गजराज बिष्ट, विधायक शिव अरोड़ा, त्रिलोक सिंह चीमा, गोपाल सिंह राणा, सुरेश गड़िया, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज पाल, कमल जिंदल, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, प्रेम सिंह राणा, अध्यक्ष नगर पालिका रमेश चंद्र जोशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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