नई दिल्ली, अभिव्यक्ति न्यूज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने झंडेवालान में पुनर्निर्मित Keshav Kunj के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित जन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में संघ कार्य गति पकड़ रहा है, व्यापक हो रहा है। आज पुनर्निर्मित Keshav Kunj भवन का प्रवेशोत्सव है, उसकी भव्यता के अनुरूप ही हमें संघ कार्य का रूवरूप भव्य बनाना है। हमारे कार्य से इसकी अनुभुति होनी चाहिए। यह कार्य पूरे विश्व तक जाएगा और भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। हम अपनी इसी देह, इन्हीं आखों से बनते देखेंगे, यह विश्वास है। संघ के स्वयंसेवकों को इसके लिए पुरुषार्थ करना होगा। हमें इसके लिए कार्य को सतत विस्तार देना होगा।

संघ की दशा बदली है, दिशा नहीं बदलनी चाहिए
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने आगे कहा कि आज संघ के विभिन्न आयामों के माध्यम से संघ कार्य विस्तृत हो रहा है। ऐसे में अपेक्षा है कि संघ के स्वयंसेवक के व्यवहार में सामर्थ्य और शुचिता बनी रहे। श्री भागवत ने कहा कि आज संघ की दशा बदली है, लेकिन दिशा नहीं बदलनी चाहिए। समृद्धि की आवश्यकता है, जितना आवश्यक है उतना वैभव भी होना चाहिए, लेकिन ऐसा मर्यादा में रहकर होना चाहिए। श्री केशव स्मारक समिति का पुनर्निर्मित Keshav Kunj भवन भव्य है, इसकी भव्यता के अनुरूप ही कार्य खड़ा करना होगा।

देश की राजधानी से होता है सूत्रों का संचालन, इसलिए दिल्ली में बनाया कार्यालय
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के संबोधन के अवसर पर संघ के आरम्भ से ही आद्य सरसंघचालक द्वारा झेली अनेक कठिनाइयों का उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने संघ के नागपुर में पहले कार्यालय ‘महाल’ की शुरुआत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और सूत्रों का संचालन यहां से होता है, इसलिए यहां एक कार्यालय की आवश्यकता महसूस हुई और उस आवश्यकता के अनुसार यहां कार्यालय बनाया गया है।

अनुकूलता के वातावरण में हमें अधिक सतर्क रहना है
सरसंघचालक ने कहा कि यह भव्य भवन बन जाने भर से संघ स्वयंसेवक का काम पूरा नहीं होता। हमें ध्यान रखना होगा कि उपेक्षा और विरोध हमें सावधान रखता है, लेकिन अब अनुकूलता का वातावरण है ऐसे में हमें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि कार्यालय हमें कार्य की प्रेरणा देता है, लेकिन उसके वातावरण की चिंता करना प्रत्येक स्वयंसेवक का कर्तव्य है।

संघ के स्वयंसेवक छत्रपति शिवाजी के तपोनिष्ठ मावलों सरीखे : गोविंददेव गिरि
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आज श्री गुरुजी की जयंती है इसलिए पावन दिन है। आज शिवाजी की भी जयंती है। शिवाजी संघ की विचार शक्ति हैं। कांची कामकोटि पीठ के तत्कालीन शंकराचार्य परमाचार्य जी ने एक बार एक वरिष्ठ प्रचारक से कहा था कि संघ प्रार्थना से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है। गोविंददेव गिरि जी ने छावा फिल्म का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्रपति ने ऐसे मावले तैयार किए, जो थकते नहीं, रुकते नहीं, झुकते नहीं और बिकते भी नहीं। संघ के स्वयंसेवक छत्रपति शिवाजी के तपोनिष्ठ मावलों सरीखे ही हैं। हम हिन्दू भूमि के पुत्र हैं, संघ राष्ट्र की परंपरा को पुष्ट करते हुए राष्ट्र की उन्नति की बात करता है।
संघ ने समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया : राघावानंद
उदासीन आश्रम दिल्ली के प्रमुख संत राघावानंद जी महाराज ने अपने संक्षिप्त आशीर्वचन में कहा कि संघ 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है तो इसके पीछे डाक्टर साहब का प्रखर संकल्प ही है। संघ ने समाज के प्रति समर्पण भाव से कार्य किया है, समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया है। इसलिए संघ कार्य सतत बढ़ रहा है।

श्री केशव स्मारक समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताई केशव कुंज की विकास यात्रा
श्री केशव स्मारक समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार ने शुरू से लेकर अब तक के केशव कुंज के पुनर्निर्माण के विभिन्न पड़ावों की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि संघ दिल्ली में 1939 से का काम रहा है। तब झंडेवालान में इसी स्थान पर छोटा सा भवन था, जिसमें संघ कार्यालय का कुछ हिस्सा बना था। 1962 में इसका विस्तार करके अन्य कक्ष बनाए गए थे। 1969 में श्री केशव स्मारक समिति का गठन हुआ। 80 के दशक में आवश्यकता के अनुसार भवन का और विस्तार हुआ। साल 2016 में पूज्य सरसंघचालक ने ही अपने करकमलों से इसी स्थान पर पूजानुष्ठान के साथ श्री केशव स्मारक समिति के द्वारा निर्मित केशव कुंज के तीन टॉवर वाले इस भवन का शिलान्यास किया था। आज यह पुनर्निर्मित स्वरूप में हम सबके सामने है।

तीन टॉवर वाले केशव कुंज में अस्पताल, पुस्तकाल और सभागार
केशव कुंज में मुख्यत: तीन टॉवर हैं- साधना, प्रेरणा और अर्चना। इसमें एक आकर्षक और आज की सभी आवश्यकताओं से परिपूर्ण अशोक सिंहल सभागार है। आम जन के लिए एक केशव पुस्तकालय है, ओपीडी चिकित्सालय है, साहित्य भंडार है, सुरुचिपूर्ण और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत पुस्तकों के लिए सुरुचि प्रकाशन है। केशव कुंज की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति में सहयोग के लिए 150 किलोवाट का सोलर प्लांट है। कचरे के उचित निस्तारण रीसाइकिलिंग के लिए 140 केएलडी क्षमता का एसटीपी प्लांट है। पूर्व की तरह ही नूतन भवन में एक सुंदर-दिव्य हनुमान मंदिर है।

सेवा प्रदाताओं को प्रतिनिधि रूप में सम्मानित किया गया
कार्यक्रम में ऐसे कुछ सेवा प्रदाताओं का प्रतिनिधि रूप में सम्मान किया गया जिन्होंने भवन के निर्माण में विविध कामों में योगदान दिया है। कार्यक्रम में मंच पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उत्तर क्षेत्र संघचालक पवन जिंदल, दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल उपस्थित रहे। प्रवेशोत्सव में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्ढा, संघ के सहसरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार, वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी, सम्पर्क प्रमुख रामलाल, सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर, इंद्रेश कुमार, प्रेम गोयल, रामेश्वर सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।
इसे भी पढ़ें : योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश का बजट 20 फरवरी को करेगी पेश