लखनऊ, अभिव्यक्ति न्यूज। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। इसकी जानकारी जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने रविवार को दी। झांसी के मेडिकल कॉलेज में विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) में शुक्रवार की रात लगभग 10.30 बजे भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का तत्काल संज्ञान लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। इसके बाद 15 से 20 मिनट में ही शीर्ष अधिकारियों की टीम ने SNCU में भर्ती 54 शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। इसमें कई बच्चे झुलस गए थे। इन सभी का मेडिकल कॉलेज के PICU Ward में भर्ती करके इलाज किया जा रहा था। इलाज के दौरान एक बच्चे की और मौत हो गई।

हादसे में लापरवाही या साजिश नहीं नजर आई

झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल संज्ञान लेते हुए राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चलाने के साथ ही झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को हादसे की जांच करके 12 घंटे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। मेडिकल कॉलेज हादसे के प्रारंभिक कारणों की जांच करके झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी की संयुक्त रिपोर्ट शुक्रवार को ही देर शाम शासन को भेज दी थी। मुख्यमंत्री को भेजी गई रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु सोमवार को सामने आ गए हैं। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में किसी तरह की साजिश या फिर लापरवाही सामने नहीं आयी है। अस्पताल प्रशासन ने भी स्वीकारा है कि घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई।

आपराधिक षड्यंत्र नहीं होने से दर्ज नहीं कराई गई FIR

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में कोई आपराधिक षड्यंत्र या साजिश न होने का कारण नजर नहीं आने से अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। झांसी कमिश्नर और डीआईजी की कमेटी ने घटना के समय मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों से बातचीत करके रिपोर्ट तैयार की है। इसमें मेडिकल कॉलेज प्रशासन के शॉर्ट सर्किट से आग लगने के अंदेशे को ही सही ठहराया गया है।

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SNCU की मशीनें ओवर लोड थीं, हो गया शार्ट सर्किट

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) में लगी आग से अब तक 11 नवजात शिशुओं की मौत हुई है। माना जा रहा है कि SNCU में लगी मशीनें ओवरलोड थीं और इसकी वजह से ही शॉर्ट सर्किट हो गया। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक (DGME) किंजल सिंह की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय जांच कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट में पता चलेगा शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ, क्या SNCU वार्ड में लगी मशीनें ओवरलोड थीं, जिसकी वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ? अथवा कोई व्यवस्थागत लापरवाही थी। कमेटी को सात दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

हादसे के बाद लापता हुआ बच्चा प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मिला

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज हादसे में राहत देने वाली खबर भी सामने आई है। अस्पताल में हादसे के बाद से लापता एक बच्चा आखिरकार अपने पिता को मिल ही गया। कृपाराम का बच्चा अग्निकांड की रात खो गया था। ऐसे में कृपाराम अपने बच्चे को जगह-जगह ढूंढ रहे थे। बाद में पता चला कि अग्निकांड में अफरा-तफरी के बीच किसी ने बच्चे को अपने साथ ले जाकर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया था। इस बात की जानकारी मिलते ही उस बच्चे को मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां बच्चे को कृपाराम और उनकी बहन के सुपुर्द कर दिया गया।

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