प्रयागराज, अभिव्यक्ति न्यूज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा – 2023 को दो दिवसीय कराने के निर्णय के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। आक्रोशित प्रतियोगी छात्रों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। नाराज प्रतियोगी ने UPPSC के गेट नंबर दो पर कालिख से लूट सेवा आयोग लिख दिया। यही नहीं, गुस्साये छात्रों ने सड़कों पर लगी होर्डिंग्स को भी फाड़ डाला।
नहीं बटेंगे, नहीं हटेंगे- न्याय हाेने तक डटे रहेंगे
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर दो दिनों से डटे प्रतियोगी छात्रों की नारेबाजी और प्रदर्शन मंगलवार की सुबह से ही शुरू हो गई। प्रतियोगी छात्रों ने सुबह नारेबाजी शुरू करने से पहले राष्ट्र गान गाया। हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारी छात्र पूरे दिन प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। आक्रोशित छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि नहीं बटेंगे, नहीं हटेंगे- न्याय हाेने तक मौके पर ही डटेंगे। प्रतियोगी छात्रों ने सड़कों पर लगी होर्डिंग्स को भी फाड़ दिया। इससे पहले प्रतियोगी छात्रों ने पूरी रात खुले आसमान के नीचे बिताई। पुलिस ने उस क्षेत्र की बिजली भी कटवा दी थी।
पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में लिया
प्रतियोगी छात्रों के समर्थन में प्रयागराज पहुंचे पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और कटरा पुलिस चौकी लेकर चले गए। इसके बाद अभ्यर्थी ने प्रदर्शन को आक्रामक कर दिया। प्रतियोगी छात्र आयोग के जिम्मेदारों को कोसने रहे। प्रतियोगी छात्रों के जोरदार प्रदर्शन और आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने आयोग के आस-पास लगी दुकानों को हटवा दिया। सारी दुकानों को बंद कराते हुए बवाल तक दुकानें बंद रखने का निर्देश दिया। प्रतियोगी छात्रों को आयोग के समीप से हटाने को पुलिस भरपूर प्रयास करती रही, लेकिन उसमें सफल होते नहीं दिखी।
अभ्यर्थियों के हितों का रखा जाएगा ध्यान : सचिव
यूपी पीएससी के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के संदर्भ में अभ्यर्थियों के सुझावों का आयोग स्वागत करता है। जिन छात्रों को भी इसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था के बारे में बताना हो वह दे सकते हैं। छात्रों की ओ से आए सुझावों को लब्धप्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद शुचिता, गुणधर्मिता और प्रतियोगी छात्रों के हित में जो भी आवश्यक होगा उसे ही लागू किया जाएगा।
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