देहरादून, अभिव्यक्ति न्यूज। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर शनिवार को देहरादून रिजर्व पुलिस लाइन्स रैतिक परेड के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संबोधन में प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार के युग में राज्य में विकास का महायज्ञ चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए जनता और पयर्टकों से नौ आग्रह भी किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित रैतिक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष शुरु हो रहा है, अब इसके उज्ज्वल भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है। यह सुखद संयोग है कि देश भी 25 वर्षों के लिए अमृत काल में है, विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व बाबा केदार के चरणों में बैठकर विश्वास जताया था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक साबित होने जा रहा है। पिछले साल एसडीजी इंडेक्स में राज्य को पहला स्थान मिला है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर कैटेगरी हासिल हुई है। बीते डेढ़ दो वर्षों में विकास दर में सवा गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रधानमंत्री ने पांच प्रदेशवासियों से और चार पर्यटकों से किए आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नौ का अंक शुभ माना जाता है, यह शक्ति का प्रतीक होता है इसलिए आज वह प्रदेशवासियों से पांच और राज्य में आने वाले पर्यटकों से चार आग्रह करना चाहते हैं। वह उम्मीद करते हैं कि सभी इस पर अमल करेंगे।
- गढ़वाली, कुमांउनी और जौनसारी सहित सभी बोलियों को आने वाली पीढ़ियों को जरूर सिखाएं।
- सभी एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधरोपण करें, क्लाइमेंट चेंज से लड़ने के लिए भी यह बेहद जरूरी है।
- नौलों -धारों की पूजे जाने की परंपरा है, इसलिए सभी नौलों और धारों को संरक्षित कर पानी की स्वच्छता के सभी अभियानों को गति दें।
- उत्तराखंड के लोग गांव में आना-जाना बनाते हुए, जड़ों से जुड़े रहें। खासकर रिटायरमेंट के बाद गांव में समय जरूर बिताएं
- गांव में पुराने तिबारी वाले घरों को बचाने और संरक्षण के लिए आगे आएं। पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर आय का साधन बना सकते हैं।
- पर्यटकों से पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की।
- पहाड़ों में पर्यटन के दौरान वोकल फॉर लोकल याद रखें। यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें।
- जब भी पहाड़ों पर जाएं, वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सावधान रहें।
- धार्मिक स्थलों पर स्थानीय रीति-रिवाजों और नियम कायदों का पालन करते हुए, वहां की मर्यादा का ध्यान रखें।
इसे भी पढ़ें : उत्तराखंड स्थापना दिवस : युवाओं को नशे से बचाने के लिए राज्य को ड्रग्स फ्री बनाने में सभी करें सहयोग