वाराणसी, अभिव्यक्ति न्यूज। वाराणसी के साहित्यकार और अनुवादक Srinath Khandelwal का शनिवार सुबह निधन हो गया। Srinath Khandelwal 80 करोड़ की प्रॉपर्टी मालिक थे, लेकिन बेटा-बेटी ने उन्हें प्रापर्टी से बेदखल कर दिया था। इसके बाद से वह काशी कुष्ठ सेवा संघ old age home में रह रहे थे। उन्होंने करीब 400 किताबें लिखी और अनुवाद की थीं। पिछले दिनों सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर के सोशल मीडिया एकाउंट से एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति बयां की थी। Srinath Khandelwal पहड़िया स्थित निजी अस्पताल में 10 दिन से भर्ती थे। वहां पर हार्ट, किडनी और लीवर से संबंधित बीमारियों का इलाज चल रहा था। करीब 81 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। सूचना मिलने के बाद भी परिवार का कोई सदस्य उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं आया।

सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर ने ही वृद्धाश्रम में रखवाया था

Srinath Khandelwal के बेटे और बेटी ने संपत्ति हड़पने के बाद उन्हें घर से निकाल दिया था। इसकी जानकारी होने पर सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर ने ही उन्हें काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में रखवाया था। Srinath Khandelwal 17 मार्च, 2024 से इसी वृद्धाश्रम में रह रहे थे। old age home के केयर टेकर रमेशचंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, Srinath Khandelwal को 25 दिसंबर को सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और किडनी की समस्या के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां पर इलाज के दौरान शनिवार की सुबह करीब नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

अंतिम संस्कार में भी नहीं आया Srinath Khandelwal का परिवार

old age home के केयर टेकर रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने Srinath Khandelwal के निधन की सूचना अमन कबीर को दी। अमन कबीर का कहना था कि अस्पताल पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले मंडलायुक्त कौशल राजा शर्मा को घटना की जानकारी दी। इस पर उन्होंने परिजनों को सूचना देने को कहा। वह कहते हैं कि Srinath Khandelwal के बेटे को फोन किया तो उसने बाहर होने का हवाला देते हुए अंतिम संस्कार में शामिल हो सकने में असमर्थता जता दी। इसके बाद Srinath Khandelwal की बेटी को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। मैसेज किया, लेकिन मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया।

सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर ने ही कराया अंतिम संस्कार

अमन कबीर ने बताया कि इसके बाद अजय कुमार, रमेश श्रीवास्तव, शैलेंद्र दुबे, आलोक, सोनू यादव, प्रफुल्ल प्रकाश राय के साथ कंधा देकर Srinath Khandelwal के शव को घाट पर पहुंचाया। यहां अमन कबीर ने उनका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। इसके बाद पिंडदान की क्रिया को भी पूर्ण कराया।

Srinath Khandelwal ने इंटरव्यू में कहा – पुराना कुछ नहीं पूछियेगा
Srinath Khandelwal ने पिछले दिनों एक मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में बताया था कि ​​​​​उनका बेटा बड़ा बिजनेसमैन और बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील है। दामाद भी वकील है। उनके पास करीब 80 करोड़ की प्रॉपर्टी है। जिसे हड़प कर बेटे-बेटी ने उन्हें घर से निकाल दिया। इसके बाद कहा था कि पुराना कुछ नहीं पूछिएगा। वो सब अतीत था, जिसे मैंने खत्म कर दिया। अब नया खंडेलवाल है, जो सिर्फ किताबें लिख रहा है। जब तक सांस है, कलम चलती रहेगी। कहा ये भी जा रहा है कि Srinath Khandelwal ने पद्मश्री सम्मान लेने से मना कर दिया था। फिलहाल वह नरसिंह पुराण का अनुवाद कर रहे थे। इसके पहले करीब 10 किताबों का उन्होंने हिन्दी अनुवाद किया था।

इसे भी पढ़ें : Prayagraj Maha Kumbh : सीएम योगी ने दिल्ली पहुंचकर विशिष्ट अतिथियों को दिया न्योता

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *