Delhi Pollution: देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को 640 पर पहुंच गया। न्यूज एजेंसियों का दावा है कि दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 कण की मात्रा 523 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड की गई है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक के अनुसार 104.6 गुना ज्यादा है। इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, खासकर बच्चों के। जिन्हें हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों से ज्यादा खतरा होता है। दूषित हवा से आने वाली सांसों में मौजूद कणों के द्वारा फेफड़ों को भी नुकसान हो सकता है। इससे हृदय और सांस संबंधी तकलीफें बढ़ सकती हैं।

दिल्ली में प्यूरीफायर की बढ़ी मांग
प्रदूषण के चलते दिल्ली की दो करोड़ से ज्यादा आबादी दूषित हवा के चलते आंखों में जलन और गले में खराश की समस्या से जूझती दिखी। प्रदूषण के चलते बच्चों के लिए जोखिम अधिक है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण इंसानों के बाल से तीस गुना ज्यादा पतले हैं। दिल्ली की हवा अचानक इस स्तर तक खराब हो जाने के कारण लोगों को शुद्ध हवा के लिए लोगों में प्यूरीफायर मांग बढ़ गई।