जयपुर, अभिव्यक्ति न्यूज। राजस्थान के Jhunjhunu जनपद में सरकारी अस्पताल BDK Hospital के डॉक्टरों की हैरान कर देने वाली Negligence सामने आई है। Jhunjhunu के सरकारी अस्पताल में जिंदा व्यक्ति को मृत बता दिया। उसके शव को चार घंटे तक मॉर्चरी में डीप फ्रीज में रखा गया, लेकिन जब अंतिम संस्कार के लिए शव संबंधित संस्था के लोगों को दिया गया तो उसकी सांसें चलती देखकर सभी हैरत में पड़ गए। इसके बाद उसे फिर जयपुर के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन लगभग 12 घंटे के बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन doctors को सस्पेंड कर दिया गया है। इस संबंध में वीडियो वायरल हो रहा है।
बेहोशी की हालत में आए मरीज को घोषित कर दिया मृत
झुंझुनूं जनपद के मां सेवा संस्थान के बगड़ स्थित आश्रय गृह में रहने वाले मूक-बधिर रोहताश (25) की गुरुवार दोपहर को तबीयत बिगड़ गई थी। उसे बेहोशी की हालत में सरकारी अस्पताल भगवान दास खेतान (BDK Hospital) में लाया गया था। रोहिताश अनाथ था और वह पिछले काफी समय से मां सेवा संस्थान के बगड़ आश्रय गृह में ही रह रहा था। रोहताश को गुरुवार को दोपहर में बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के doctors ने कुछ देर बाद ही उसे मृत घोषित कर दिया और शव को मोर्चरी में शिफ्ट करा दिया। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
अंतिम संस्कार के दौरान चलने लगीं रोहिताश की सांसें
शव को अंतिम संस्कार के लिए संस्थान को सुपुर्द किया गया था, लेकिन अंतिम संस्कार पर ले जाने के दौरान शव चिता पर रखते ही रोहताश की सांसें चलने लगीं। आनन-फानन में रोहिताश को अस्पताल लाया गया। जहां उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। हालत गंभीर देखकर बाद में जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां पर करीब 12 घंटे इलाज के बाद रोहताश की मौत हो गई।