लखनऊ, अभिव्यक्ति न्यूज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी है। लखीमपुर खीरी के RSS नेता की जमीन की पैमाइश छह साल तक अटकाने की शिकायत होने पर शासन ने एक IAS और तीन PCS अफसर को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में भाजपा विधायक योगेश वर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि लेखपाल ने संघ नेता से पांच हजार रुपये की घूस लेने के बावजूद जमीन की पैमाइश नहीं की। इस पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने संज्ञान लेते हुए जांच कराई और शासन को रिपोर्ट भेजी थी। डीएम की रिपोर्ट पर इस दौरान वहां तैनात रहे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
निलंबन के बाद सभी अफसर राजस्व परिषद से संबद्ध किए
लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने IAS अधिकारी और मौजूदा समय में अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। PCS अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है। इन चारों अधिकारियों पर लखीमपुर खीरी में तैनाती के दौरान RSS नेता की जमीन की पैमाइश के मामलों में टालमटोल करने का आरोप है। वर्तमान में ये सभी अधिकारी अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
जमीन पैमाइश को RSS नेता से पांच हजार घूस लेने का आरोप
लखीमपुर खीरी जिले की सदर तहसील के गांव बंजरिया निवासी विश्वेश्वर RSS के नकहा खंड के खंड कार्यवाह हैं। उन्होंने तहसील में लगभग छह साल पहले जमीन की पैमाइश के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि जमीन की पैमाइश करने के नाम पर क्षेत्रीय कानूनगो ने उनसे पांच हजार रुपये की घूस भी ली थी। रुपये लेने के बाद भी जमीन की पैमाइश नहीं कराई गई। RSS नेता ने पिछले छह साल में कई बार अधिकारियों के यहां पहुंच कर शिकायत की, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
20 दिन पहले वायरल हुआ था भाजपा विधायक का वीडियो
RSS नेता विश्वेश्वर 23 अक्तूबर को भी जमीन पैमाइश कराने की अपनी दरख्वास्त लेकर अफसरों के पास पहुंचे थे। इस दौरान उनकी मुलाकात सदर विधायक योगेश वर्मा से हो गई। उन्होंने अपनी पीड़ा सदर विधायक को सुनाई। मामला संज्ञान में आने पर 23 अक्तूबर को सदर विधायक ने एसडीएम से पीड़ित को न्याय दिलाने को कहा था। उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने एक IAS और तीन PCS अधिकारियों को निलंबित करते हुए उन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है।