गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार दोपहर यूसुफपुर स्थित अपने पैतृक आवास से कुछ दूर पुश्तैनी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मुख्तार की कब्र के पास ही उसके माता और पिता की भी कब्र है। इस दौरान उसके बड़े भाई और परिवारीजन, हजारो समर्थकों के अलावा सपा के अनेक नेता एवं प्रशासन-पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। वहीं, यूसुफपुर कस्बे की सभी दुकानें शनिवार को भी बंद रहीं।
मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद उसका शव शुक्रवार आधी रात के बाद यूसुफपुर मोहम्मदाबाद स्थित आवास पर लाया गया था। आवास के बाहर सैकड़ों की तादाद में लोग पूरी रात जमे रहे। सुबह होते लोगों की भीड़ बढ़ती गई।
गुसल के बाद शुरू हुई जनाजे की प्रक्रिया
मुख्तार के जनाजे की प्रक्रिया शनिवार सुबह छह बजे के आसपास शव को गुसल (नहलाने) के साथ शुरू हुई। आठ बजे शव आवास से बाहर रखा गया। वहां मौजूद लोगों ने श्रद्धांजलि दी। लगभग डेढ़ घंटे बाद साढ़े नौ बजे के आसपास जनाजा प्रिंस मैदान के लिए निकला। वहां कई जिलों और राज्यों से पहुंचे हजारों लोगों ने जनाजे की नमाज अदा की। नमाज में मुख्तार के बड़े भाई सिगबतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी, पुत्र उमर अंसारी, विधायक भतीजे सुहेब अंसारी समेत परिवार के अनेक सदस्य और रिश्तेदार भी शामिल हुए।
परिजनों के साथ हजारों लोगों ने दी मिट्टी
जनाजे की नमाज के बाद शवयात्रा लगभग आधा किलोमीटर दूर कालीबाग कब्रिस्तान की ओर बढ़ी। इस दौरान भीड़ भी साथ में चल रही थी। कालीबाग पहुंचने के पहले सांसद अफजाल अंसारी और पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी ने लोगों से शांति बनाए रखने और अधिक भीड़ न जुटाने की गुजारिश की मगर वह बहुत कारगर नहीं हुई। जनाजा सुबह 11 बजे के आसपास कब्रिस्तान पहुंचा जहां परिवार के सभी सदस्यों के अलावा हजारों लोगों ने मिट्टी दी।
जनाजे में शामिल नहीं हो सका जेल में बंद बड़ा बेटा
मुख्तार का बड़ा बेटा एवं विधायक अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो सका। अब्बास अंसारी आपराधिक मामलों में कासगंज की जेल में निरुद्ध है। उसने शुक्रवार को हाईकोर्ट से जनाजा में शामिल होने की अनुमति देने की अपील की थी लेकिन उसकी अपील पर तत्काल सुनवाई नहीं हो सकी थी।