मुरादाबाद, अभिव्यक्ति न्यूज। मुरादाबाद के कुख्यात अपराधी फहीम उर्फ एटीएम को एसटीएफ की बरेली यूनिट ने शुक्रवार की देर रात में मुरादाबाद के गलशहीद क्षेत्र में दबोच लिया। पैरोल पर आने के बाद वापस न लौटने वाले शातिर फहीम की गिरफ्तारी पर शासन ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। फहीम की तलाश उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त छत्तीसगढ़, आध्रप्रदेश, कर्नाटक और गोवा पुलिस को भी थी। फहीम करीब दो साल पहले बेहद शातिराना अंदाज में पुलिस वालों को अपने घर में बंद करके फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा, लेकिन एक साल पहले वह पेरोल पर छूटा और फिर वापस जेल लौटा ही नहीं। हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने उसकी तलाश में एसटीएफ को लगाया था।
फहीम एटीएम कई राज्यों में आपराधिक वारदातों को दे चुका है अंजाम
मुरादाबाद के कांठ थाना क्षेत्र में ऊमरी कलां का रहने वाला शातिर अपराधियों में शुमार है। वह बेहद शातिर शूटर भी है। आठ राज्यों में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले फहीम एटीएम का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास है। लूट, हत्या और अपहरण जैसे अपराधों में उसका नाम कई बार आ चुका है। फहीम एटीएम ने मुंबई से एक हिंदू लड़की को अगवा करके उसका धर्म बदलवाकर शादी कर ली थी। बीमारी के आधार पर हाईकोर्ट के आदेश पर 29 मई 2023 को सीतापुर जेल से तीन माह की पैरोल पर छूटने के बाद से फरार चल रहे फहीम ने फरारी के दौरान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गोवा में कई लूट की वारदातों को अंजाम दिया था।
फहीम की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट कर रहा था मॉनीटरिंग
हाईकोर्ट के आदेश पर पैरोल पर छूटने के बाद फहीएम एटीएम वापस जेल नहीं लौटा। फहीम के वापस न लौटने पर सीतापुर जेल प्रशासन ने मुरादाबाद पुलिस को इस बारे में सूचना दी। फहीम एटीएम के एक बार फिर फरार हो जाने पर मुरादाबाद एसएसपी ने उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया, जिसे डीआईजी ने बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया। बरेली जोन के एडीजी ने इनाम राशि को बढ़ाते हुए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया। शासन ने इनाम राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी थी। फहीम की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट भी मॉनिटरिंग कर रहा था। शासन ने फहीम की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया था।
एसटीएफ की बरेली यूनिट को मिली सफलता
शातिर फहीम की गिरफ्तारी के लिए गिरफ्तारी के लिए डीजीपी की ओर से मुकदमा अपराध संख्या 167/2011 धारा 302 भादवि, थाना गलशहीद, जनपद मुरादाबाद में पुरस्कार घोषित किया गया था तथा माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित पुलिस महानिदेशक द्वारा उपरोक्त अपराधी की गिरफ्तारी के लिए यूपी एसटीएफ को टास्क दिया गया था। इसी के क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ ने चार टीमों को लगाया गया था। एसटीएफ की बरेली यूनिट की टीम के अपर पुलिस अधीक्षक अब्दुल कादिर के पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान, दरोगा धूम सिंह, हवलदार हरिओम, मनोज कुमार और सिपाही राहुल सिंह की टीम द्वारा लगातार सूचना जुटाने की कार्रवाई की जा रही थी।
मुरादाबाद के गलशहीद में एसटीएफ की टीम ने दबोच लिया
कई राज्यों की पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहे फहीम एटीएम के बारे में एसटीएफ की बरेली यूनिट को मुरादाबाद के गलशहीद थाना क्षेत्र में मौजूद होने की सूचना मिली। इस पर एसटीएफ की टीम ने घेरा बंदी कर ली। इंस्पेक्टर एसटीएफ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार की रात में मुखबिर खास से सूचना मिली कि फहीम उर्फ एटीएम सम्भल चौराहे के पास मौजूद है और कहीं बाहर जाने की कोशिश में है, यदि शीघ्रता की जाए तो पकड़ा जा सकता है। मुखबिर की सूचना के आधार पर पेशेवर अपराधी फहीम उर्फ एटीएम को सम्भल चौराहे के पास स्थित टाण्डा बस अड्डा के पास से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से तमंचा और 10 हजार रुपये भी बरामद किए गए।
मुरादाबाद से पुलिस को चकमा देकर हो गया था फरार
फहीम एटीएम को हत्या के एक मामले में पांच मई 2022 को बिजनौर जेल से मुरादाबाद कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट से लौटते समय फहीम ने पुलिस से पाकबड़ा स्थित अपने एक रिश्तेदार के मकान पर उसकी पत्नी से मिलवाने का अनुरोध किया। पुलिस कर्मी शातिर फहीम के झांसे में आ गए। वह उन्हें पाकबड़ा में एक मकान में ले गया। वहां उन्हें बीयर पीने को उपलब्ध कराई और झांसा देकर कमरे में बंद करने के बाद अपनी प्रेमिका के साथ फरार हो गया। बाद में पुलिस ने 17 जून 2022 को फहीम को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया और उसे फिर से बिजनौर जेल भेज दिया। इसके बाद उसे प्रशासनिक आधार पर सीतापुर जेल स्थानांतरित किया गया था।
जेल में पड़ा था कुख्यात फहीम का नाम ATM
कुख्यात फहीम हत्या और लूट के कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है। फहीम के खिलाफ आठ राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। जेल में लग्जरी लाइफ स्टाइल और जेल में रहने के बावजूद अवैध वसूली करने के लिए फहीम कुख्यात है। जेल में रहने के दौरान भी वह अवैध वसूली की रकम को मंगा लेता था। इसी के कारण उसे जेल में रहने वाले अन्य अपराधी एटीएम के नाम से बुलाने लगे।