नई दिल्ली, अभिव्यक्ति न्यूज डेस्क। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ओर से हाल में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल भ्रष्टाचार की सर्वाधिक शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिलीं। इसके बाद दिल्ली के स्थानीय निकायों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें आईं। सीवीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक 10,447 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ की गईं। इसके बाद कोयला मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं।

कोयला मंत्रालय के कर्मी भी पीछे नहीं, मिलीं 4,420 शिकायतें

सीवीसी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में कोयला मंत्रालय के कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 4,420, श्रम मंत्रालय के कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ 3.217, पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ 2,749 तथा गृह मंत्रालय (दिल्ली पुलिस को छोड़कर) के कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ 2,309 शिकायतें मिलीं।

भ्रष्टाचार की 7830 शिकायतें अभी भी लंबित

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में सभी श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 74,203 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 66,373 का निपटारा कर दिया गया और 7,830 शिकायतें लंबित हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक 10,447 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मिलीं। इनमें से 9,881 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है, जबकि 566 शिकायतें अभी भी लंबित हैं।

दिल्ली के सरकारी विभागों का भी हाल बुरा

राष्ट्रीय राजधानी के स्थानीय निकायों के अधिकारियों – कर्मचारियों के खिलाफ 7,665 शिकायतें मिलीं। स्थानीय निकायों में दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम, दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, इंद्रपस्थ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, दिल्ली नगर निगम और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद शामिल हैं।

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