लखनऊ, अभिव्यक्ति न्यूज। योगी सरकार का भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का डंडा लगातार जारी है। शासन ने दो पीसीएस अफसरों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति का ही असर है कि पिछले दो महीनों में दस से ज्यादा पीसीएस अफसर निलंबित किये जा चुके हैं। फर्रुखाबाद में तैनात पीसीएस अफसर स्वाति शुक्ला एटा में तैनात एसडीएम प्रतीत त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया है। प्रतीत एटा जनपद की अलीगंज तहसील में तैनात रह चुके हैं, फिलहाल उन्हें एसडीएम जलेसर बनाकर भेजा गया था।
अपात्रों को पट्टे देने में कार्रवाई की जद में आए एसडीएम प्रतीत
एटा में एसडीएम के पद पर तैनात रहे प्रतीत त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने हरदोई में तैनाती के दौरान 71 अपात्रों को मनमाने तरीके से कृषि भूमि का पट्टा आवंटित कर दिया था। शिकायत के बाद शासन स्तर से इस मामले की जांच कराई गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्व निरीक्षक और लेखपाल को भी निलंबित कर दिया गया। अब इस मामले की जांच लखनऊ के मंडलायुक्त को दी गई है।
आधा दर्जन पीसीएस अफसर अभी कार्रवाई की जद में
शासन के सूत्रों के अनुसार प्रदेश के प्रदेश भर आधा दर्जन से अधिक पीसीएस अफ़सरों पर अलग-अलग मामलों में निलंबन की तलवार लटकी हुई है। प्रदेश में पूर्व में पिछले दो महीनों के भीतर 10 से अधिक एसडीएम, तीन तहसीलदार और दो नायब तहसीलदार अलग-अलग आरोपों में सस्पेंड किए जा चुके हैं। चर्चा है कि योगी सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अफसरों को किसी भी कीमत पर बख्शने को तैयार नहीं है।
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