मुरादाबाद। बुधवार को चांद के दीदार के साथ ही गुरुवार को ईद-उल-फितर का त्योहार पूरे उल्लास के साथ मनाने की तैयारियां मुस्लिम समाज ने शुरू कर दी हैं। मुरादाबाद में ईद पर प्रमुख नमाज ईदगाह में होगी। लोग सड़क पर नमाज पढ़ने न बैंठे और रास्ता अवरुद्ध हो इसके लिए इस बार ईदगाह में दो बार में नमाज पढ़ने की व्यवस्था की गई है। पहली नमाज सुबह आठ बजे और फिर दूसरी नमाज सुबह नौ बजे पढ़ी जाएगी। ईदगाह पर ईद की नमाज पढ़ने के लिए भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।

हुकूमत की गाइड लाइन का होगा पालन : नायब शहर इमाम
नायब शहर इमाम मुफ्ती सैयद फहाद अली ने कहा हुकूमत की गाइड लाइन के हिसाब से सड़कों पर नमाज अदा करने पर पाबंदी है इसलिए सलाह मशवरा के बाद निर्णय लिया गया कि इस बार ईदगाह में ईद की दो बार नमाज पढ़ाई जाएंगी। पहली नमाज वह स्वयं सुबह आठ बजे पढ़ाएंगे जबकि दूसरी नमाज शहर इमाम सैयद मासूम अली आजाद सुबह नौ बजे पढ़ाएंगे। उन्होंने आग्रह किया कि आम हजरात समय से पहुंचकर नमाज अदा करें और पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा माहे रमजान हमें अमन और शांति के साथ नेकी की राह पर चलना और इंसानियत को अपनाने की तालीम देता है। हमें इसी पर अमल करना है और पूरी शांति व्यवस्था के साथ पुलिस प्रशासन का सहयोग करना है।

दो जमात में भी पढ़ाई जा सकती है नमाज
तख्त वाली मस्जिद के मुफ्ती सैयद इन्तेसाब कदीरी ने कहा कि यह बात सही है जब तक पुलिस-प्रशासन की इजाजत रही सड़कों पर नमाज हुई है। हमने भी पढ़ाई है, लेकिन अब शासन की इजाजत नहीं है। उन्होंने बताया यदि मस्जिद पूरी भर जाती हैं तो दो बार भी नमाज अदा की जा सकती है। उदाहरण देते हुए कहा गुजरात सूरत नूराने कदीरी जामिया मस्जिद है। जहां बारिश होने पर दो बार नमाज अदा की गई। इसके बाद अब वहां दो से तीन जमातें भी करनी पड़ती हैं इसलिए जरूरत के हिसाब से यहां भी दो से तीन जमात हो सकती हैं। दोनों जमात कम समय में ही हों तो एक ही खुतबा भी हो सकता है। मगर इमाम अलग-अलग होंगे। अगर प्रशासन नहीं चाहता तो सड़कों पर नमाज नहीं होनी चाहिए। खुद को किसी भी प्रकार के झगड़े-फसाद से बचाना चाहिए।


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