प्रयागराज, अभिव्यक्ति न्यूज। Prayagraj Mahakumbh में वसंत पंचमी पर Amrit Snan स्नान के दौरान Naga Sadhus का अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। त्रिवेणी तट पर इन Naga Sadhus की पारंपरिक और अद्वितीय गतिविधियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। Amrit Snan के लिए ज्यादातर अखाड़ों का नेतृत्व कर रहे इन Naga Sadhus का अनुशासन और उनका पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने लायक था। कभी डमरू बजाते हुए तो कभी भाले और तलवारें लहराते हुए, इन Naga Sadhus ने युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। लाठियां भांजते और अठखेलियां करते हुए ये Naga Sadhus अपनी परंपरा और जोश का प्रदर्शन कर रहे थे।

वसंत पंचमी पर घोड़ों पर और पैदल निकली शोभा यात्रा

Prayagraj Mahakumbh में वसंत पंचमी के Amrit Snan के लिए निकली अखाड़ों की शोभा यात्रा में कुछ Naga Sadhus घोड़ों पर सवार थे तो कुछ पैदल चलते हुए अपनी विशिष्ट वेशभूषा और आभूषणों से सजे हुए थे। जटाओं में फूल, फूलों की मालाएं और त्रिशूल हवा में लहराते हुए उन्होंने Prayagraj Mahakumbh की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया। स्व-अनुशासन में रहने वाले इन Naga Sadhus को कोई रोक नहीं सकता था, लेकिन वो अपने अखाड़ों के शीर्ष पदाधिकारियों के आदेशों का पालन करते हुए आगे बढ़े। नगाड़ों की गूंज के बीच उनके जोश ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। त्रिशूल और डमरू के साथ उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि Prayagraj Mahakumbh केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति और मनुष्य के मिलन का उत्सव है।

नृत्य, नगाड़े और उत्साह

शोभायात्रा के दौरान मीडिया ही नहीं, बल्कि आम श्रद्धालुओं के मोबाइल के कैमरे भी Naga Sadhus को कैप्चर करने के लिए हवा में लहरा रहे थे। नागा भी किसी को निराश नहीं कर रहे थे, बल्कि वो अपने हाव भाव से उन्हें आमंत्रित कर रहे थे। कुछ Naga Sadhus तो आंखों में काला चश्मा लगाकर आम लोगों से इंटरैक्ट भी कर पा रहे थे। उनकी इस स्टाइल को हर कोई कैद कर लेना चाहता था। यही नहीं, Naga Sadhus नगाड़ों की ताल पर नृत्य करते हुए अपनी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी जोश और उत्साह से भरपूर गतिविधियों ने श्रद्धालुओं के बीच अपार उत्साह पैदा किया। जितने उत्साहित Naga Sadhus थे, उतने ही श्रद्धालु भी उनकी हर गतिविधि को देख मंत्रमुग्ध हो गए।

Amrit Snan के दौरान भी मस्ती

Amrit Snan के दौरान भी Naga Sadhusका अंदाज निराला था। त्रिवेणी संगम में उन्होंने पूरे जोश के साथ प्रवेश किया और पवित्र जल के साथ अठखेलियां कीं। इस दौरान सभी Naga Sadhus आपस में मस्ती करते नजर आए।

महिला Naga Sadhus भी जुटीं

Prayagraj Mahakumbh में वसंत पंचमी पर Amrit Snan में पुरुष Naga Sadhus के साथ ही महिला Naga Sadhus की भी बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। पुरुष नागाओं की तरह ही महिला Naga Sadhus भी उसी ढंग से तप और योग में लीन रहती हैं। फर्क सिर्फ इतना होता है कि ये गेरुआ वस्त्र धारत करती हैं उसमें भी ये बिना सिलाया वस्त्र धारण करती हैं। उन्हें भी परिवार से अलग होना पड़ता है। खुद के साथ परिवार के लोगों का पिंड दान करना होता है तब जाकर महिला Naga Sadhus बन पाती हैं। जब एक बार महिला नागा संन्यासी बन जाती हैं तो उनका लक्ष्य धर्म की रक्षा, सनातन की रक्षा करना होता है। इस महाकुम्भ में हर कोई इनके बारे में जानने को उत्सुक नजर आ रहा है।

श्रद्धालुओं के लिए दिया संदेश

Naga Sadhus ने Amrit Snan में अपने व्यवहार और प्रदर्शन से यह संदेश दिया कि Prayagraj Mahakumbh केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मनुष्य के आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव है। उनकी हर गतिविधि में Prayagraj Mahakumbh की पवित्रता और उल्लास का अद्वितीय अनुभव झलक रहा था। Prayagraj Mahakumbh का यह आयोजन Naga Sadhus की विशिष्ट गतिविधियों और उनकी परंपराओं के कारण लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

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